बेजुबान रायगढ़िए : नवनीत जगतरामका की पाती रायगढ़ के नाम
बड़ी विडंबना है हमारा रायगढ़ काले हीरे की बेतरतीब काली खदानों, डोलोमाइट चूना पत्थर के धूल दुसरित क्रेशरों, अच्छा धान बेहाल किसान और परेशान मिलरो, लोहा इस्पात बनाने की जहरीली रुपया उगलती ताप भट्टियों, कापी कारखानो के बदहाल मालिक मजदूरों, प्रदेश और देश को रोशन करने वाले काले धुंए और काली राखड भरे विदेशी मालिकों के वृहद बिजली घरों, बस नाम की बदहाल सड़को पर बदहवास दौड़ते राक्षस दानव यमराज रूपी डंपर ट्रकों से रोज होती मौतों, डकैत शासक के संरक्षण में बिना कंबल ओढ़े खुलेआम डंके की चोट पर निडरता से घी मलाई खाकर मोटे हुए जा रहे अधिकारी और राजनेताओं के साथ साथ प्रादेशिक संस्कृति की फटी चीरी गठरी को अपने जर्जर कांधों पर उठाए चिंघाड़ चिंघाड़ के अपनी व्यथा कथा कहना चाहता है पर मजबूर और बेबस है कुछ भी कह नही पा रहा है, हमारे रायगढ़ की जुबान को लकवा मार गया है सब के सब बेजुबान हो गए है। वैसे ही हमारे शासक प्रशासक राजनेता गूंगे बहरे और कोंदे हो चुके है और रहा सहा शोषित पीड़ित रायगढ़िया भी बेजुबान हो गया है।भरपूर संपदाओ और सभी के लिए सभी तरह की काली सफेद कमाई के आलीशान आशियानो के साथ ईमान बेचने वालो के लिए बिना ताले की खुली तिजोरी लिए बड़ी तेजी से फल फूल रहा है हमारा रायगढ़, जिसमे मूल बेजुबान रायगढिया आज भी अपनी रोजी रोटी, सामान्य शिक्षा, वाजिब दरों पर बिजली, पीने योग्य साफ पानी, चलने योग्य सड़क और विषधर विकास के जहरीले प्रदूषित डंक से डसे जाने के बाद जान बचाने के लिए सामान्य इलाज के लिए संघर्ष करता थका थका महसूस कर रहा है। रायगढ़ में ना सड़क है, ना वाजिब दरों में बिजली है, ना सामान्य शिक्षा का कोई साधन है, ना पीने का साफ पानी है, ना कहीं भी स्वच्छता है, ना कोई व्यवस्थित बाजार है, ना यातायात के साधन है, ना मनोरंजन के साधन है, ना कोई हरा भरा पार्क है जिसमे सांस ली जा सके, ना खिलाड़ियों के लिए कोई व्यवस्थित मैदान है, ना शहर की कोई प्लानिंग है, ना रेंगे बुले बर कोनो डहार है, ना कोई व्यवस्थित अस्पताल है, कुल जमा एक आम आदमी को सामान्य जीवन जीने के लिए जितनी कम से कम व्यवस्था चाहिए वो भी रायगढ़ में सुलभ नहीं है।ऐसा नहीं है की रायगढ़ भीखमंगा है दूसरे को मलाई खाता देख के अपनी काली गंदी जुबान से राखड़ की लार टपकाता है ये वो रायगढ़ है जो कोयले के खनन में रिकार्ड बनाने की ओर अग्रसर है प्रतिमाह लगभग १२०० करोड़ की रॉयल्टी व सेस प्रदेश व देश की सरकार को दे रहा है, जीएसटी और आयकर संग्रह में भी देश का अग्रणी ग्रामीण क्षेत्र है, सस्ती और अत्यंत लाभकारी विद्युत उत्पादन में अग्रणी है, लोहा और पथरा का भी गिने जाने योग्य उत्पादक है, पसीना बहाते किसान और मजदूरों ने कम सिंचित रकबे में पर्याप्त धान पैदा किया है और उसकी मिलिंग भी की है, देश के कोने कोने से आए रायगढ़ के मूल निवासियों से ज्यादा लोगों को रोजगार मुहैय्या करवाया है, रायगढ़ ने सबका पूरा पूरा ख्याल रखा है। कुंए के सूखते तक और रहवासियों के मरते तक उनका केवल दोहन और शोषण करना कभी भी उचित नहीं है ठीक है रहवासी भी लुटती संपदाओं की तरह बेजुबान है कोई आवाज नहीं है। ना दोहन करने वालो को रायगढ़ की सेहत से कोई सरोकार है ना रायगढ़िये को अपने जीने मरने की कोई फिक्र है वो तो बिचारा बेजुबान अपनी नियति को रो रहा है उसे इंतजार है किसी जुबान का जो रायगढ़ की व्यथा कथा को इन गूंगे बहरे रहनुमाओं के गालों पर अपने करों की छाप अंकित कर इनके बंद कानों में गुंजायमान करे। जिस दिन मेरे बेजुबान रायगढ़ में कोई एक तलवार की धार सी सच्चाई की ईमानदार जुबान बोलने लगेगी उसके पीछे पीछे पूरा रायगढ़ बोलने लगेगा और निश्चय ही अपने वाजिब हक को इन हुक्मरानों को देने को मजबूर कर देगा। रायगढ़ का हक है उसे अच्छी सड़के, अच्छे स्कूल कालेज, अच्छे अस्पताल, अच्छे पर्यावरण संरक्षक पार्क, अच्छा स्वच्छ पीने का पानी, सस्ते लागत दरों पर बिजली, मनोरंजन के साधन, व्यवस्थित और साफ सुथरे बाजार, जाम रहित यातायात, युवाओं को रोजगार, हर हाथ को काम हर काम को दाम, भ्रष्टाचार रहित शासकीय सुविधाओ, संस्कृति के संरक्षण, गौरवपूर्ण जीवन, खुशहाल मां बेटी और परिवार मिले। समय नजदीक आ रहा है दोस्तों आप हम सब को अपनी जुबानों पर पड़े तालों को खोल कर खुल कर पूरे दिल से पूरी निष्ठा से पूरे वेग से सच को बोलना होगा अपना हक लेना होगा बदहाली के खिलाफ हल्ला बोल करना होगा। हर उस जुबान का साथ देना होगा जो रायगढ़ के हित के लिए ईमानदारी से खुलेगी। हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब एक दिनपूरा है विश्वास मन में है विश्वास हम होंगे कामयाबसदैव रायगढ़ कानवनीत जगतरामकानोट: साथियों वर्तमान में मैं रायगढ़ की अव्यवस्थाओं और बेतहाशा बढ़े प्रदूषण के कारण ना चाहते हुए भी रायगढ़ से दूर होता जा रहा हूं, जयपुर में एक फ्लैट लिया है पर दिल है की मानता नही, मेरा नगर है मेरा जिला है सर्वश्रेष्ठ होगा ऐसा है विश्वास, बिगड़ने से रोकने का हर संभव प्रयास हो हर रायगढ़िये की जुबान में आवाज हो और उस आवाज की पूरी पूरी सुनवाई हो इस हेतु हरसंभव प्रयास होना चाहिए, मैं हरदम उस प्रयास के साथ रहूंगा। आप लोग भी ऐसा ही चाहते होंगे, हर वो आवाज जो रायगढ़ के हित के लिए उठेगी हम उसका पुरजोर समर्थन करेंगे इसी उम्मीद में…….