तिरपाल ढके वाहन अंदर मवेशियों की हो रही थी तस्करी
रैरूमाखुर्द पुलिस की घेराबंदी में वाहन छोड़ भागे मवेशी तस्कर
21 मवेशियों को कराया तस्करों से मुक्त, घटना में प्रयुक्त आईचर वाहन की जप्ती
रायगढ़। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार के दिशा निर्देशन एवं एडिशनल एसपी संजय महादेवा व एसडीओपी धरमजयगढ़ दीपक मिश्रा के मार्गदर्शन पर कृषक मवेशियों को दिगर प्रांत ले जाने वाले पशु तस्करों पर पुलिस निगाह रखे हुये है। विशेष कर थाना धरमजयगढ़, लैलूंगा और चैकी रैरूमाखुर्द पुलिस जिले के बार्डर आसपास के गांव एवं मुख्य मार्ग पर कार्यवाही के लिये मुखबिर सक्रिय कर रखा गया है।
इसी क्रम में आज चैकी प्रभारी रैरूमाखुर्द उप निरीक्षक ऐनु कुमार देवांगन को मुखबिर से सूचना मिली थी कि ससकोबा जंगल में कुछ लोग लाल रंग के आईचर गाड़ी में कृषक मवेशियों को ठूंस-ठूंस कर भर बगैर दाना पानी क्रूरता पूर्वक झारखंड बूचड़खाने ले जाया जा रहा है। मुखबिर सूचना की तस्दीकी और कार्रवाई के लिए चैकी प्रभारी अपने स्टाफ के साथ ससकोबा जंगल जाकर तस्करों की घेराबंदी किया गया। जहां पुलिस की घेराबंदी को देखकर आरोपी वाहन छोड़कर भाग गये। आईचर वाहन 01 म्ॅ 7855 में तिरपाल से ढक कर रखी हुई 21 नग कृषक मवेशियों को रैरूमाखुर्द पुलिस द्वारा मुक्त कराकर उनके चारा पानी की व्यवस्था किया गया। चैकी प्रभारी रैरूमाखुर्द पुलिस द्वारा आईचर वाहन जप्त कर वाहन के चालक और मालिक के विरूद्ध धारा 4, 6, 10 कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 के तहत अपराध दर्ज कर आरोपियों की पतासाजी में लिया गया है। सम्पूर्ण कार्रवाई में चैकी प्रभारी रैरूमाखुर्द उप निरीक्षक ऐनु कुमार देवांगन, प्रधान आरक्षक लक्ष्मी नारायण कैवर्त, चिंतामणी कुर्रे, आरक्षक जोन प्रकाश टोप्पो, तुलसी नाग की अहम भूमिका रही है। एसडीओपी धरमजयगढ़ दीपक मिश्रा के मार्गदर्शन पर रैरूमाखुर्द पुलिस लगातार मवेशी तस्करों पर कार्रवाई किया जा रहा है।