भात और पताल (टमाटर)का झोझो (फदका) नहीं खाया तो फिर कुछ नहीं खाया
यदि आप मूल रूप से छत्तीसगढ़िया हैं या छत्तीसगढ़ में रहते हैं तो फिर भात के साथ पताल (टमाटर)से बना झोझो(फदका) नहीं खाया है तो आपने जीवन में कुछ नहीं खाया है ।
भले ही देश -विदेश के पांच सितारा व्यंजनों का लुत्फ क्यों ना उठाया हो । लेकिन छत्तीसगढ़ के इस लोकप्रिय और स्वादिष्ट व्यंजन को देखते ही इसपर टूट पड़ने का मन करता है और अंत उंगलियां चाटकर होता है । नए चावल का भात हो तो और भी मजेदार होता है ।झोझो में देशी टमाटर के साथ अदरक ,लहसुन ,प्याज ,हरी मिर्च , हरी धनिया , जीरा ,राई ,भी डाली जाती है जो इसके स्वाद को अद्भुत तो बनाती ही बल्कि इससे जो खुश्बू उठती है वो सोई हुई भूख को भी जगा देती है ।
हमारे रायगढ के लैलूंगा क्षेत्र में पत्थलगांव तथा लुड़ेग क्षेत्र में जो देशी पताल (टमाटर )की पैदावार होती है उस पताल का स्वाद झोझो (फदका) के स्वाद को बढ़ाता है क्योंकि इस टमाटर में एक अनोखा खट्टापन होता है ।ऐसा स्वाद हाइब्रिड वाले में नहीं पाया जाता है ।इसलिए जब भी टमाटर का झोझो खाने का मन करें तो देशी टमाटर का उपयोग करें ।