अडानी पॉवरप्लांट की जनसुनवाई अवैधानिक है : राजेश त्रिपाठी जनचेतना
प्रति,
श्रीमान पीठासीन अधिकारी
क्षेत्रीय पर्यावरण संरक्षण मंडल
रायगढ़
विषय:- मेसर्स कोरबा बेस्ट पावर प्राइवेट लिमिटेड, ग्राम बड़े भण्डार पोस्ट बड़े भण्डार तहसील रायगढ़ जिला रायगढ़ की दिनांक 12/07/2024 को आयोजित होने वाली 600 मेगावाट विस्तार की जनसुनवाई के संबंध में
महोदय, विषयांतर्गत लेख है कि जनसुनवाई का निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर हम इसका पर्यावरण के मुद्दे पर बात रखते हैं |
1- मेसर्स कोरबा वेस्ट पावर प्राइवेट लिमिटेड, ग्राम बड़े भण्डार पोस्ट बड़े भण्डार की विस्तार क्षेत्र में संयंत्र परिसर के भीतर मौजूद 6001 मेगावाट में 1600 8002 मेगावाट के अलावा एन टी पी सी पावर प्लांट स्थापित है जिसके कारण व्यापक पैमाने पर जल प्रदूषण वायु प्रदूषण एवं ध्वनि प्रदूषण के कारण जनजीवन पर व्यापक पैमाने पर प्रभाव पड़ रहा है इसलिए कोरबा वेस्ट पावर प्राइवेट लिमिटेड, बड़े भण्डार की जनसुनवाई को विस्तार न देते हुए तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाना चाहिए
केंद्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना 14 सितंबर 2006 के तहत किसी भी उद्योग के आवेदन जमा करने के 45 दिवस के अंदर जनसुनवाई का आयोजन राज्य सरकार द्वारा करवाया जाना चाहिए अगर किन्हीं परिस्थितियों बस राज्य सरकार 45 दिवस के अंदर जनसुनवाई का आयोजन नहीं कर पाती उन परिस्थितियों में केंद्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय एक समिति का गठन करेगा जो संबंधित कंपनी की जनसुनवाई का आयोजन करेगा इस कंपनी के द्वारा जो आवेदन जमा किया गया है वह करीब एक वर्ष पूर्व है जो की 365 दिवस से ज्यादा आवेदन जमा करने का समय हो चुका है इस कारण आज की जनसुनवाई केंद्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना 14 सितंबर 2006 के नियमों का उल्लंघन है इसलिए इस जनसुनवाई को तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए |
2- मेसर्स कोरबा वेस्ट पावर प्राइवेट लिमिटेड, ग्राम बड़े भण्डार पोस्ट बडे़ भण्डार तहसील रायगढ़ के विस्तार होने जा रहा है इस ग्राम पंचायत में पहले से गंभीर बीमारियों से कई पीड़ित प्रभावित हैं जिनके उपचार हेतु आज पर्यंत तक किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई उक्त जानकारी मेसर्स कोरबा वेस्ट पावर प्राइवेट लिमिटेड, ग्राम बड़े भण्डार पोस्ट बड़े भण्डार द्वारा अपने ई आई ए में जानकारी नहीं दी गई है जिससे यह साबित होता है की कंपनी द्वारा जो ई आई ए बनाया गया है वह जमीनी स्तर पर अध्ययन करने वाली कंपनी द्वारा नहीं बनाया गया है एवं व्यापक पैमाने पर झूठी जानकारी आम जनमानस को उपलब्ध कराई गई है इसलिए उक्त क्षेत्र में जमीनी स्तर पर पर्यावरणीय अध्ययन करने उपरांत ही उपरोक्त पर्यावरणीय जनसुनवाई करवाने का निर्णय लिया जाना चाहिए |
3- मेसर्स कोरबा वेस्ट एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड, ग्राम बड़े भण्डार पोस्ट बड़े भण्डार की विस्तार परियोजना से व्यापक पैमाने पर जल प्रदूषण वायु प्रदूषण एवं ध्वनि प्रदूषण का विस्तार होगा जिससे यहां के जनजीवन जल जंगल जमीन जीव और जानवरों पर व्यापक प्रमाण पैमाने पर प्रभाव पड़ेगा जिससे उक्त पावर प्लांट के विस्तार की अनुमति देना पर्यावरणीय मापदंडों का उल्लंघन होगा इसलिए उक्त परियोजना को विस्तार देने की अनुमति प्रदान ना किया जाए |
4- विस्तार परियोजना क्षेत्र से जहां एक तरफ एन टी पी सी जिन पर उक्त परियोजना विस्तार के बाद प्रदुषण पर व्यापक पैमाने पर प्रभाव पड़ेगा जिसका प्रभाव सीधे-सीधे समुदाय के जीवन पर व्यापक पैमाने पर पड़ेगा इसलिए उक्त परियोजना के स्थापना की अनुमति प्रदान नहीं किया जाना चाहिए |
5- उक्त कंपनी द्वारा उक्त कंपनी द्वारा पूर्व से ही व्यापक पैमाने पर उद्योग संचालन हेतु भूजल दोहन एवं मांड एवं महानदी नदी का पानी व्यापक पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है जो कंपनी के विस्तार परियोजना के बाद लगभग भूजल दोहन एवं महानदी नदी से पानी की मात्रा 1 1/2गुना और बढ़ जाएगी जिससे आसपास के क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर भूजल दोहन करने से जल स्तर में व्यापक पैमाने पर गिरावट आएगी जिसका असर आसपास के ग्राम पंचायत के पेयजल के निस्तारण पर व्यापक पैमाने पर पड़ेगा इसलिए उपरोक्त कंपनी के विस्तार की जनसुनवाई निरस्त कर पर्यावरणीय संरक्षण माप दण्डों का पालन किया जाना उचित होगा
6- उपरोक्त क्षेत्र के अध्ययन हेतु राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण भोपाल द्वारा राज्य सरकार और जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि उपरोक्त क्षेत्र के पर्यावरणीय अध्ययन के उपरांत ही नए उद्योगों का स्थापना एवं पुराने उद्योगों के स्थापना के अनुमति पर विचार किया जाना चाहिए जिससे पर्यावरणीय प्रदूषण से आमजन जीवन पर पढ़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जाना चाहिए जो आज पर्यंत तक नहीं हो पाया है इसलिए जब तक इस क्षेत्र में पर्यावरणीय अध्ययन कर इस क्षेत्र का जल प्रदूषण वायु प्रदूषण एवं ध्वनि प्रदूषण की स्थिति का आकलन नहीं हो जाता तब तक इस क्षेत्र में नए उद्योगों की विस्तार की अनुमति प्रदान करना उचित नहीं होगा |
7- इस क्षेत्र में पहले से ही पीएम 2.5 एवं पीएम 10 की मात्रा पर्यावरणीय मापदंडों से कई गुना अत्यधिक है जिसका प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा-सीधा दिखाई दे रहा है जिसमें टीवी दम इस्नोफीलिया कैंसर चर्म रोग जैसे गंभीर बीमारियां पाई जा रही हैं साथ ही स्तन धारी जीव में गर्भाशय जैसी बीमारियों का व्यापक पैमाने पर प्रभाव देखने को मिला है इसलिए उपरोक्त क्षेत्र में और उद्योगों की विस्तार की अनुमति देना उचित नहीं होगा ।
8- उपरोक्त क्षेत्र में पहले से ही काफी संख्या में पावर प्लांट की स्थापना एवं पुराने पावर प्लांट के विस्तार के अनुमति देने के कारण सड़कों में चलने वाले वाहनों से व्यापक पैमाने पर दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है एवं ध्वनि प्रदूषण वायु प्रदूषण जल प्रदुषण पर भी व्यापक पैमाने पर प्रभाव पड़ा है जिससे इस क्षेत्र में नए उद्योगों की स्थापना की अनुमति देना उचित नहीं होगा।
9- आज की कंपनी का होने वाली जनसुनवाई कि जो ई आई ए है इसमें जो भी जानकारियां लगाई गई हैं वह अन्य होने वाली जनसुनवाई यों एवं कंपनियों की ईआईए की रिपोर्टर लगाई गई है उपरोक्त जानकारियां करीब 5 से 6 साल पुरानी है इसलिए केंद्रीय जलवायु परिवर्तन विभाग नई दिल्ली के आदेश अनुसार किसी भी कंपनी की जनसुनवाई में 3 वर्ष से पुराने डेटा का उपयोग नहीं किया जा सकता परंतु इस ई आई ए में जो भी जानकारी दी गई है वह 2011 के जनगणना के अनुसार है इसलिए यह जनसुनवाई अवैध है इसलिए आज की जनसुनवाई का हम विरोध करते हैं |
10- इस क्षेत्र में कोरबा वेस्ट पावर प्लांट द्वारा कुल 879 एकड़ जमीन में से 63 आदिवासियों की जमीन बेनामी के नाम पर 46,893 हेकटर खरीदीं की गई है जिसका प्रकरण 170 ख के तहत् तहसील न्यायालय एवं जिला न्यायालय में विचाराधीन है
11- कोरबा वेस्ट पावर प्लांट में कोयला साइडिंग चपलें एवं स्थानीय कोयला खदान के लिए चलने वाले ट्रकों से व्यापक पैमाने पर दुर्घटनाएं होती हैं जिसका विवरण इन दस्तावेजों में नहीं दिया गया है आने वाले समय में जब कंपनी का विस्तार होंगा जिससे सड़कों में व्यापक पैमाने पर दबाव बढ़ेगा जिससे दुर्घटनाओं में व्यापक पैमाने पर बढ़ोतरी होगी इनका विवरण इन दस्तावेजों में उपलब्ध नहीं कराया गया है कि प्रशासन द्वारा होने वाली दुर्घटनाओं को कैसे रोका जाएगा जबकि सड़कें दो लाइन की हैं वाहन क्षमता विस्तार को देखते हुए फोर लाइन बनाने की अति आवश्यकता है जिससे इस क्षेत्र में चलने वाले वाहनों से दुर्घटनाओं को रोका जा सके |
12- इस 10 किलोमीटर के क्षेत्र में प्राइमरी मिडिल हायर सेकेंडरी आंगनबाडी 100 से ज्यादा हैं जहां कभी भी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं करवाया गया जिससे यह पता चल सके कि रायगढ़ जिले के रायगढ़ तहसील के अंदर औद्योगिकरण की वजह से आम जनमानस में स्वास्थ्य को लेकर किस तरह के के प्रभाव पड़े हैं जो कि इस क्षेत्र में टी वी दमा खाज खुजली जैसे गंभीर बीमारियां पाई गई हैं जिसका विवरण इस अध्ययन रिपोर्ट में नहीं दिया गया है |
13- इस 10 किलोमीटर के क्षेत्र में 50 से ज्यादा आगनबाडी हैं जहां 1 वर्ष से 3 वर्ष तक के बच्चे एवं बच्चियां आगनबाडी में पढ़ती हैं जिनका अब तक किसी भी प्रकार का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं करवाया गया है जिससे यह पता चल सके कि आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों के स्वास्थ्य जीवन पर किस तरीके का प्रभाव पड़ा है जबकि देखा गया है कि इस क्षेत्र में इस्नोफीलिया दमा टीवी कैंसर शरीर में चर्म रोग जैसे बीमारी पाई गई हैं इनके लिए ना तो किसी कंपनी द्वारा और ना ही सरकार द्वारा किसी भी प्रकार का कैंप का आयोजन अब तक नहीं किया गया है जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है |
14- इस परियोजना विस्तार क्षेत्र के 10 किलोमीटर में पुसौर नगर पालिका क्षेत्र एवं चन्द्रपुर है जिस पर सघन आबादी निवास करती हैं परियोजना विस्तार से वहां पर निवास करने बालों पर व्यापक प्रदुषण का प्रभाव पड़ेगा
15- कंपनी द्वारा पर्यावरण नियमों के उल्लंघन कों फ्लाई ऐश निस्तारण कों लेकर क्षेत्रिय पर्यावरण अधिकारी रायगढ़ द्वारा दिनांक। 10/10/2023 राशि 28,590=00 दिनांक 08/02/2024 राशि 9,30,000=00 कों मामला दर्ज कर जुर्माना लगाया गया है जों कंपनी के पर्यावरण के प्रति संवेदनहीनता एवं लापरवाही को दर्शाता है
16- क्षेत्र के 10 किलोमीटर के अंदर मांड़ नदी एवं महानदी में 5 बैराज स्थापित है जिनका जल प्रदूषण से जल जीव एवं जीवन पर पडने वाले प्रभाव का आकलन नहीं किया गया है जबकि मांड नदी के ऊपर एवं 10 से ज्यादा गांव के ऊपर स्तर पर एवं परियोजना के नीचे बसे गांव मांड नदी और महानदी के जल का निस्तारण करता है जिससे प्रदूषित जल की वजह से लोगों के शरीर में खाज खुजली एवं शरीर के ऊपर पढ़ने वाले प्रभाव का स्वास्थ्य परीक्षण अब तक नहीं किया गया है एवं जल की गुणवत्ता का अध्ययन भी नहीं किया गया है जो आवश्यक है की जल प्रदूषण के संबंध में पहले अध्ययन कराया जाए जिससे लोगों के जनजीवन पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन किया जा सके |
17- जिले के औद्योगिक करण होने के कारण रायगढ़ जिले में अपराधों में व्यापक पैमाने पर बढ़ोतरी हुई है इसका मूल बजह दूसरे राज्यों से काम करने आने वाले जो लोग आसपास के गांवों में किराए के मकान में रहकर कार्य करते हैं जिनके द्वारा गंभीर घटनाओं में अपराध में हिस्सेदारी पाई गई है जिससे यह क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर अपराधों में बढ़ोतरी हुई है इसके लिए किस तरीके की गतिविधियों का संचालन किया जाएगा इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार का कोई अध्ययन नहीं किया गया है |
18- रायगढ़ जिले में औद्योगिक करण होने के बाद भी स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार का अवसर नहीं मिला अगर रायगढ़ के रोजगार कार्यालय के जानकारी का अध्ययन करें तो लगभग 2 लाख 60563 युवा बेरोजगार रजिस्टर्ड है जबकि रायगढ़ जिले में 300000 करोड़ों रुपए से ज्यादा का पूंजी निवेश औद्योगिकरण के नाम से किया गया है इस पर कंपनी और सरकार को विचार करना चाहिए कि स्थानीय उद्योगों में स्थानीय बेरोजगारों को कैसे रोजगार उपलब्ध कराए जा सकते हैं |
19- रायगढ़ जिले का औद्योगिकरण होने के बाद भी महिलाओं को रोजगार का अवसर ना मिलना जबकि इस क्षेत्र में काफी महिलाएं तकनीकी शिक्षा से हैं साथ ही इस क्षेत्र में प्रत्येक गांव में युवतियों को देखा गया है की बीए बीएससी एमएससी इंजीनियरिंग जैसे उच्च शैक्षणिक योग्यता रखती हैं इसके बाद भी रायगढ़ जिले का दुर्भाग्य है कि स्थानीय उद्योगों में महिलाओं को रोजगार ना मिल पाना जिस पर एक अध्ययन की जरूरत है और स्थानी युवा युवतियों को स्थानीय उद्योगों में रोजगार उपलब्ध कराया जा सके जिससे रायगढ़ जिले के युवाओं में नौकरी को लेकर पलायन को रोका जा सके |
20- इस क्षेत्र में निवासरत लोग कृषि पशुधन एवं वनों उपज का संग्रह कर जीवन यापन करते हैं औद्योगीकरण की वजह से जंगलों में मिलने वाला तेंदूपत्ता महुआ डोरी चिरौंजी हर्रा बहेड़ा आमला पराया विलुप्त हो गया है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में खासतौर से स्थानीय समुदाय के लोगों का जीवन यापन खतरे में पड़ गया है इसलिए आसपास के स्थानीय समुदाय के परिवारों के प्रत्येक परिवार से कम से कम एक व्यक्ति को स्थानीय उद्योगों में रोजगार उपलब्ध कराया जाए |
अतः श्रीमान से अनुरोध है कि इन सभी तथ्यों का अवलोकन करने के बाद ही पर्यावरणीय स्थापना की अनुमति देने पर जिला प्रशासन राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार को पुनर्विचार किया जाना चाहिए
भवदीय
राजेश कुमार त्रिपाठी
जन चेतना रायगढ़ छत्तीसगढ़