रायगढ़राजनीति

उपभोक्ताओं की सहूलियतों को ताक में रखकर लगाए जा रहे स्मार्ट प्री पेड विद्युत मीटर-अनिल शुक्ला, उपभोक्ताओं को एकजुट होकर विरोध करना समय की मांग :अनिल शुक्ला

रायगढ 6 जुलाई। जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि नए स्मार्ट प्रीपेड विद्युत मीटर गरीब व निम्न मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं । उन्होंने कहा कि इस स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने से प्रदेश के उपभोकराओं को काफी सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
शुक्ला ने बताया की हमे यहाँ ये जानना जरूरी है कि ये मीटर कौन और क्यों लगवा रहा है तो बता दूं कि केंद्र सरकार के केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने सभी राज्यों में स्मार्ट डिजिटल मीटर लगाने की योजना प्रारम्भ की जा चुकी है। प्राधिकरण ने उपभोक्ताओं के पोस्ट पेड मीटर बदलकर प्रीपेड मीटर लगाने के निर्देश दिए हैं। प्रीपेड मीटर को पहले रिचार्ज करना होगा। इसके बाद उपलब्ध बैलेंस के आधार पर बिजली का इस्तेमाल किया जा सकेगा। बैलेंस खत्म होने पर बिजली बंद हो जाएगी। बैलेंस खत्म होने के तीन दिन पहले उपभोक्ता को मैसेज के जरिए सूचित किया जाएगा। जिससे की उपभोक्ता अपने बिजली के मीटर को रिचार्ज करवाना होगा।इन मीटर के अमल में आने से विद्युत उपभोक्ताओं को कई प्रसांगिक कठिनाइयों से गुजरना होगा।
अनिल शुक्ला ने रायगढ विद्युत विभाग द्वारा उपभोक्ताओं से किये गए सर्वे संतोषजनक नहीं थे और पुराने बकायदारों के सेटलमेंट संतोषजनक टीके से नहीं हो पाए हैं बकायदारों से दबाव देकर बिजली बिल अदा करने की बात भी सामने आई है। ऐंन मीटर के लगने के बाद बिजली रिचार्ज सिस्टम से चालू और बन्द होगी और मीटर बैलेंस खत्म होते ही बिजली की आपूर्ति अपने आप बंद हो जाएगी और रिचार्ज कराते ही बिजली लौट आएगी जो उपभोक्ताओं के लिए चिंता की बात है इसमें विसंगति यह भी है जैसी की जानकारी मिली है कि उपभोक्ताओं को पावर कॉरपोरेशन की तरफ से स्मार्ट प्रीपेड मीटर कनेक्शन काटने के अलर्ट मैसेज पर प्रति मैसेज 10 रुपये और डिस्कनेक्शन रिकनेक्शन पर 50 रुपये चार्ज लिए जाने का प्रस्ताव भी है जो उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ सकता है इसमें भी हमारा विरोध है।वहीं पूर्व में उपभोक्ताओं से जो अतिरिक्त सुरक्षा निधि एस एस डी की लाखों करोड़ों रुपयों की रकम विभग के पास जमा है उसकी वापसी विभाग कैसे करेगा ये भी स्पष्ट तौर पर जानकारी नहीं है । वहीं एकल बत्ती कनेकशन धारकों के लिए कोई उचित प्रबंधन न होना किसानों के लिए कोई नीति न होना सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को दी जा रही छूट का कोई पैमाना न होना इनसे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सरकार बिजली की व्यवस्था को भी अपने ओद्योगिक मित्रों के हाथ याने निजीकरण करने की तैयारी में कदम बढ़ा रही है इस लिए अभी से सतर्कता जरूरी है . यदि ऐसा हुआ तो आम उपभोक्ताओं के लिए यह खतरे की घण्टी है और जिसका खामियाजा हमे आने वाले समय भुगतना होगा ।
अनिल शुक्ला ने बताया कि रायगढ के शहरी क्षेत्र में ही बिजली विभाग ने 2 जोनों में बांटा है जिसमे जोन 1 में 25 हजार व ज़ोन 2 में 26 हजार उपभकता हैं जिनमे एकल बत्ती धारक उपभोकता भी हैं जिनके लिए भी नीति स्पष्ट नहीं है व यहां ये भी विषय है कि आज की स्थिति में जब अधिकांश लोगों का बिल लोगों की सामर्थ्य से अधिक आ जाता था तब लोग अधिकारी से मिलकर 2 या 3 किश्त में बिल जमा करवा दिया करते थे पर प्रीपेड मीटर के बाद शायद ऐसा नहीं हो पायेगा और लोग अंधेरे में जीवन यापन करने में मजबूर हो जाएंगे इसलिए हम स्मार्ट प्रीपेड मीटर का विरोध जरते है क्योंकि पारदर्शिता व सरकार द्वारा दी जा रही छूट का भौतिक बिल से तो पता चल जाता था पर प्रीपेड मीटर में भौतिक बिल का प्रावधान भी नहीं होगा इसलिए स्मार्ट मीटर का चलन जबरिया न करवाया जाए।
अनिल शुक्ला ने ततसंबंध में विदित अधिनियम 2003 के तहत उपभोक्ताओं के लिए बने कानून को भी बताया जिसमे स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना अनिवार्य नहीं किया जा सकता है उन्होंने कहा है कि पावर कारपोरेशन को यह मालूम होना चाहिए कि विद्युत अधिनियम-2003 की धारा-56 में किसी भी उपभोक्ता का कनेक्शन बकाया पर काटने से पहले 15 दिन की लिखित नोटिस देने का नियम है। वहीं आगे बताता कि कारपोरेशन प्रबंधन को यह भी जान लेना चाहिए कि विद्युत अधिनियम-2003 की धारा 47(5) के तहत उपभोक्ताओं के परिसर पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना अनिवार्य नहीं किया जा सकता है, यह विकल्प हो सकता है।
अनिल शुक्ला ने लोगों से कहा की विभाग को उपभोक्ताओं के लिए प्रीपेड व पोस्ट पेड दोनों प्रकार की व्यवस्थाएं रखनी चाहिए नहीं तो जबरिया थोपे गए नए स्मार्ट प्रीपेड विद्युत मीटर गरीब व निम्न मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं और कांग्रेस पार्टी उपभोक्ताएँ के हितों की अनदेखी नहीं होने देगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button