राहुल गांधी विपक्ष का नेता बनेंगे या फिर जननायक की भूमिका निभाएंगे ?
राहुल गांधी के प्रतिपक्ष का नेता बनने के सवाल पर दो मत सामने आ रहे हैं ।एक वर्ग चाहता है कि राहुल गांधी प्रतिपक्ष के नेता की जिम्मेदारी सम्हाले और लोकसभा में विपक्ष का नेतृत्व करें तो दूसरा वर्ग चाहता है कि राहुल गांधी सड़क पर रहकर जननायक की भूमिका निभाएं ।अब राहुल गांधी को यह तय करना है कि वो किस भूमिका में सामने आते हैं ।
राहुल गांधी विपक्ष का नेता बनते हैं तो फिर भाजपा समेत तमाम उनके विरोधी राहुल गांधी के ऊपर परिवार वाद का आरोप लगाने में तनिक भी देर नहीं करेंगे क्योंकि उनकी माता सोनिया गांधी कांग्रेस संसदीय दल का नेता पहले ही चुनी जा चुकी हैं और राहुल गांधी विपक्ष का नेता बने तो कांग्रेस के ऊपर माँ -बेटे की पार्टी का आरोप तत्काल ही चस्पा कर दिया जाएगा ।
राहुल गांधी से इस समय भाजपा और गोदी मीडिया बुरी तरह से खार खाये हुए है और बदला लेने के लिए बेचैन हैं ।राहुल गांधी विपक्ष का नेता बनते हैं और इस दौरान संसद के अंदर उनसे जरा सी कोई भी चूक हुई तो फिर बात का बतंगड़ करने में ये जरा सी भी देर नहीं करेंगे और अयोग्य होने का हो हल्ला मचाना शुरू कर देंगे ।इस तरह राहुल गांधी की इमेज खराब करने का एक नया दौर शुरू कर दिया जाएगा ।
दूसरी तरफ राहुल गांधी के जननायक वाली भूमिका की बात करें तो सड़क और लोगों के बीच रहकर भी वो प्रभावी विपक्ष की भूमिका ज्यादा बेहतर तरीके से निभा सकते हैं और शायद जनता की मंशा भी यही है क्योंकि राहुल गांधी जनता की आवाज को सांसद के रूप में प्रभावी तरीके से संसद में उठा सकते हैं । राहुल गांधी विपक्ष का नेता नहीं बनकर जनता को यह भी सन्देश दे सकते हैं कि उनके लिए पद नहीं बल्कि जनसेवा महत्वपूर्ण है ।
राहुलगांधी क्या निर्णय लेते हैं इसे लेकर पूरे देश की निगाहें उनपर टिकी हुई है ।राहुल गांधी की जो प्रवृति है उसे देखकर यह अनुमान जरूर लगाया जा सकता है कि वो शायद ही विपक्ष के नेता का पद स्वीकार करें ,जबकि पूरी कांग्रेस यह चाहती है कि वो विपक्ष का नेता बने और फ्रंट से पार्टी को लीड करें ।