80 साल पहले चाँदमारी गेस्ट हाउस कुञ्ज -विलास का हुआ था निर्माण , इस विश्राम गृह में कई सुरंग होने की बात प्रचलित ?

रायगढ़ 16 जनवरी ।रायगढ़ चांदमारी स्थित केलो नदी के समीप राजशाही काल में राजा चक्रधर सिंह के शासनकाल में ब्रिटिश अधिकारियों ,उस दौर के अतिविशिष्ट आगतन्तुकों , मेहमानों के ठहरने के लिए सर्व सुविधा युक्त चांदमारी गेस्ट हाउस का निर्माण हुआ था ।ब्रिटिश स्थापत्य शैली में निर्मित यह भव्य ईमारत अपनी सुंदरता के कारण रायगढ़ सहित पूरे छत्तीसगढ़ में एक विशिष्ट स्थान रखा करती थी ।जिस समय इस गेस्ट हाउस जिसे की सर्किट हाउस के रूप में जाना जाता है का निर्माण हुआ था उस समय इसके चारों तरफ घनघोर जंगल हुआ करते थे और जंगली जानवर अपनी प्यास बुझाने के लिए केलो नदी में आया करते थे |

लगभग 80 वर्ष पहले 30 अप्रैल 1944 को ईस्टर्न स्टेट एजेंसी के रेसीडेंट L.G.COKE WALLIS ने चांदमारी गेस्ट हाउस का उद्घाटन किया था ।


राज परिवार के और सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह बताते हैं कि राज परिवार ने चांदमारी में स्थित इस विश्राम गृह को “कुंज विलास”का नाम दिया था ।
उंन्होने बताया कि इस भवन का जितना निर्माण कार्य ऊपर दिखाई देता है उतना ही निर्माण बेसमेंट में भी जमीन के अंदर किया गया था ।जिसे की बाद में बन्द कर दिया गया । सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस विश्राम गृह में पोर्च के पास से जहां सेसीढियां ऊपर की ओर जाती हैं वहीं से सीढियां बेसमेंट में जाया करती थी ।इस विश्राम गृह को लेकर कई किदवन्तियां और मिथक भी जनमानस में प्रचलित रहीं है जिसकी सच्चाई के बारे में हम कोई दावा नहीं कर सकते जैसे कि लोगों के बीच में एक चर्चा हुआ करती थी कि राजमहल से एक सुरंग विश्राम गृह तक जाती थी तो यह भी कहा जाता था कि इस विश्राम गृह से एक सुरंग कोरिया दादर स्थित रानी महल तक जाया करती थी।