जन्मजयंती पर नंदू भैया को नमन करने शांति बगिया में उमड़ा जनसैलाब, खरसिया में जगह-जगह हुआ श्रद्धांजलि कार्यक्रम, लगा विशाल भंडारा, अस्पताल में मरीजों को बांटे गए फल
खरसिया। छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष, खरसिया के वीर सपूत शहीद नंदकुमार पटेल की जन्मजयंती पर खरसिया में श्रद्धा और सम्मान का भावपूर्ण दृश्य देखने को मिला। शुक्रवार, 08 नवम्बर को शांति बगिया समाधि स्थल, नंदेली में श्रद्धांजलि अर्पित करने उमड़े जनसैलाब ने शहीद नेता को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस विशेष अवसर पर उनके सुपुत्र, खरसिया के विधायक एवं पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने अपने पिता के प्रति सम्मान और आदर के भाव व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उनके परिवार के सदस्य और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किए तत्पश्चात मदनपुर कांग्रेस कार्यालय में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में उमेश पटेल ने अपने पिता की छायाचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।इस दौरान उमेश पटेल ने अपने संबोधन में भावुक होकर कहा, “मेरे पिता ने मुझे संघर्ष और सेवा की प्रेरणा दी है। उनका मानना था कि एक जनप्रतिनिधि को सदैव जनता की सेवा में तत्पर रहना चाहिए। उनके आदर्शों पर चलते हुए, मैं जनता के अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखूंगा।” इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने भी शहीद नंदकुमार पटेल द्वारा खरसिया विधानसभा क्षेत्र के विकास में किए गए योगदान पर प्रकाश डाला। दो मिनट का मौन रखकर शहीद नेता की स्मृति को श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम के दौरान उमेश पटेल ने ठुसेकेला के बरातोरहीन दाई चौक पहुंचकर अपने पिता और शहीद भाई दिनेश पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।, इसके बाद रेस्ट हाऊस स्थित शहीद स्मारक स्थल पर भी श्रद्धांजलि अर्पित की। जयंती के उपलक्ष्य में खरसिया कांग्रेस परिवार और नगर सरकार ने विशाल भंडारे का आयोजन किया, जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ लिया। वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सिविल अस्पताल खरसिया में भर्ती मरीजों को फल वितरित कर सेवा कार्य किया। कार्यक्रमों के इस क्रम ने खरसिया में एकजुटता और सम्मान की अनूठी छवि प्रस्तुत की, जिसमें क्षेत्रीय जनता की भावनाएं शहीद नंदकुमार पटेल के प्रति उनके अपार सम्मान को दर्शाती हैं। शहीद नंदकुमार पटेल की जयंती पर आयोजित ये कार्यक्रम केवल एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि उनके विचारों और आदर्शों को जीवित रखने का संकल्प भी है।