राष्‍ट्रीयरायगढ़

भाजपा झारखंड में क्लीन स्वीप करने के इरादे से लड़ रही चुनाव,शिवराज चौहान ,हेमंत विश्व शर्मा ,ओपी चौधरी ने डाला डेरा ,पिछले चुनाव में सर्वाधिक वोट हासिल करने के बाद भी भाजपा की नहीं बनी थी सरकार

झारखंड में 2019 में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक वोट प्रतिशत हासिल करने के बावजूद सरकार बनाने से चूक जाने वाली भाजपा 2024 के चुनाव में भाजपा झारखंड में क्लीन स्वीप करने के इरादे से उतरी है ।इसके लिए उसने खास रणनीति बनाते हुए जहां चम्पई सोरेन तथा शिबू सोरेन परिवार की बहू को पार्टी में शामिल किया वहीं उन सीटों के लिए विशेष व्यूह रचना तैयार की है जहां वो दस हजार से कम वोटों से हारी थी ।इस बार भाजपा के इरादे संथाल क्षेत्र में भी बढ़त हासिल करने की है ।भाजपा को झारखंड में जीत दिलाने के मकसद से केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ,असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्वशर्मा और छत्तीसगढ़ के वित्तमंत्री ओपी चौधरी झारखंड में ही डेरा डाले हुए हैं ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,गृहमंत्री अमित शाह ,और यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की भी सभाएं हुई हैं ।
झारखंड में 2019 में विधानसभा के लिए हुए चुनाव में मतदान 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में हुआ था।इस चुनाव में 65.18 प्रतिशत मतदान हुआ था। मतगणना के नतीजे 23 दिसंबर 2019 को घोषित किए गए थे। मतगणना का परिणाम जब सामने आया तो सत्ताधारी भाजपा को गहराझटका लगा और वह 41 सीटों के जादुई आंकड़ों से पिछड़ गई थी । भाजपा को सर्वाधिक 33.37%वोट मिले थे जबकि उसे सिर्फ 25 सीट ही हासिल हुई थी।
हेमंत सोरेन की पार्टी झामुमो को सबसे अधिक 30 सीटे मिली थी जबकि उसे सिर्फ 18.72% वोट मिले थे कांग्रेस को 16 सीटें मिली थी और उसे13.88% वोट मिले थे, झाविमो को तीन 5.45% वोट और आजसू को दो सीट 8.1% वोट प्राप्त हुए थे। इसके अलावा दो निर्दलीय विधायक जबकि राजद, भाकपा (माले) और एनसीपी के एक-एक विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे थे।

पिछले विधानसभा चुनाव में 1000 से कम अंतर वाली दो सीटें थीं। ये सीटें थीं सिमडेगा और बाघमारा। भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के खाते में एक-एक सीट गई थी। सिमडेगा विधानसभा सीट से कांग्रेस के भूषण बारा महज 285 वोट से चुनाव जीत पाए थे। वहीं बाघमारा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के दुलु महतो मात्र 824 वोट से जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे थे।
छह सीटें ऐसी थी, जहां जीत -हार का अंतर 1000 से 5000 वोट के बीच रहा था। इनमें से तीन सीटों पर भाजपा जबकि दो सीटों पर झामुमो और एक सीट पर कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी। ये सीटें थीं- कोडरमा, जामा, देवघर, जरमुंडी, नाला और गोड्डा।
2019 के विधानसभा चुनाव में 10 विधानसभा सीटें ऐसी थीं जहां जीत -हार का अंतर 5,000 से 10,000 वोट के बीच था। इनमें से पांच सीटों पर भाजपा, तीन सीटों पर झामुमो और एक-एक सीट पर एनसीपी और कांग्रेस के उम्मीदवार को विजय श्री मिली थी। ये सीटें रांची,गुमला ,खिजरी, सिंदरी, बिश्रामपुर, गांडेय, चंदनकियारी, तोरपा हुसैनाबाद और घाटशिला

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