उद्योगों के विस्तार से प्रदूषित हो रही रायगढ़ की आबो- हवा, अब नहीं चेते तो जीना हो जाएगा मुश्किल,स्वार्थ से परे हट जनहित में आगे आने की जरूरत : संजय देवांगन
रायगढ़। संस्कारधानी के बाद स्टील नगरी के नाम से प्रसिद्ध हुए रायगढ़ नगरी की पहचान अब प्रदूषित नगरी के रूप में होने लगी हैं ।उक्ताशय के विचार रायगढ़ नगर निगम के मुखर पार्षद संजय देवांगन ने फेसबुक में एक पोस्ट के जरिये व्यक्त किया है ।उंन्होने कहा है इस सबके बावजूद रायगढ़ में
में औद्योगिक विस्तार हो रहा हैं और वृक्षों की कटाई निरंतर जारी है ,
इस बार हम सब ने देखा रायगढ़ में गर्मी बहुत ही ज्यादा थी फिर भी फैक्ट्री लगाने के लिए अनगिनत पेड़ों की कटाई हमारे आने वाले कल के लिए बहुत ही नुकसानदायक होगा इस वर्ष तो एसी भी काम करना बंद कर दिया था ।न जाने आने वाले समय में क्या होगा ?रायगढ़ जिले में जिस तरह से उद्योगों की स्थापना और विस्तार के लिए जनसुनवाई का दौर चल रहा है उसके क्या नतीजे सामने आएंगे यह तो आनेवाला समय बताएगा हो सकता है , कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए कंपनी के पक्ष में अपना मुंह बंद कर लेते हैं उनसे भी निवेदन है की आने वाले समय में आपका भी वंश इसी रायगढ़ शहर में रहेंगे और इस गर्मी और आबो हवा की स्थिति को वही झेलेंगे इसलिए बंद करें लेनदेन का खेल और रायगढ़ को बचाएं , चंद कागज़ के टुकड़ों के लिए तथाकथित लोग रायगढ़ जिले में नई-नई विभिन्न प्रकार की बीमारियों को उत्पन्न कर रहे हैं और गरीब परिवार अपनी इलाज के अभाव में अपनी जान गवा रहे हैं डम्फरों में आए दिन एक्सीडेंट से युवा,बुजुर्ग, महिला, बच्चे अपनी जान गवा रहे हैं इन सभी लोगों का आह लगेगा इसलिए कुछ लाभ पाने के लिए बहुत अधिक लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ ना करें, प्रशासनिक व्यवस्था में बैठे उच्च अधिकारियों को रायगढ़ की मिट्टी और यहां के लोगों से कोई लेना-देना नहीं वह अपने शासकीय कर्तव्य का निर्वहन कर यहां से पलायन कर जाएंगे मगर आप और हम सबको यहीं रहना और जीना है इसलिए रायगढ़ के लिए सोचो रायगढ़ के लिए जिओ।