सलासर स्टील की जनसुनवाई में ईआईए रिपोर्ट पर खड़े होंगे गम्भीर सवाल? प्रदूषण और भूजल का दोहन बढ़ेगा ?, युवाओं ने विरोध में जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
रायगढ़ 20 फरवरी। रायगढ़ जिले में में इन दिनों उद्योगो की पर्यावरणीय जनसुनवाई की बहार चल रही है ।जैसे ही फरवरी का महीना शुरू हुआ वैसे ही उद्योगो की जनसुनवाई की बाढ़ आ गई है ।. आने वाले 21 फरवरी को गेरवानी स्थित सालासर स्टील एंड पावर प्लांट की जनसुनवाई होनी है, मगर जनसुनवाई से पहले विरोध के स्वर फूटने लगे हैं. ख़ासकर युवा वर्ग विरोध कर रहे हैं. युवाओं का आरोप है कि यदि प्लांट को क्षमता विस्तार की अनुमति मिल जाती है तो इससे पूरा इलाका प्रदूषण की गिरफ्त में आ जाएगा. हालांकि अभी भी वह इलाका प्रदूषण की चपेट में है. मगर क्षमता विस्तार के बाद स्थिति और भी बदतर होने वाली है. दूसरी तरफ आरोप ये भी है कि उद्योग प्रबंधन द्वारा स्थानीय युवाओं को नौकरी से दूर रखा जाता है. जबकि वहां बाहरी लोगो को नौकरी दी जाती है. इससे स्थानीय युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं. इन तमाम बातो के मद्देनजर सोमवार को स्थानीय युवाओं ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर जनसुनवाई को निरस्त करने की मांग की.
मेसर्स सलासर स्टील प्राइवेट लिमिटेड गेरवानी की दिनांक 21/02/2024 को पर्यावरणीय जन सुनवाई होने वाली है । इस उद्योग के प्रस्तावित उत्पाद विस्तार के सम्बन्ध में प्राप्त विवरण के अनुसार डी आर ए क्लीन स्पंज आयरन को 60000 तप से 456000 टीपीए तक इंडक्शन फर्नेस के साथ सीसीएस और एलआरएफ एस इंडिकेट्स डीलक्स हॉट चार्जिंग को 97000 तप से 4027000 टीपीए डब्ल्यू एच आर बी आधारित विद्युत संयंत्र 4.5 मेगावाट से 34.5 मेगावाट नया आठ लाख टीपीए यो पायलट प्लांट के साथ-साथ नया कोयल गैसीफायर 30000 म 3 घंटा नई रोलिंग मिल तंत बार एग्रीकल्चर स्टील हॉट ब्लॉक्स के साथ 85% हार्ट चार्जिंग और रफ के माध्यम से शेष 15% 4 लाख 125500 टीपीए नया कॉल गैसीफायर के साथ 3700 nm3 घंटा नया 4 * 15 बा फेरो एलियांज किसी 46600 टीपीए ऑब्लिक किसी 1068000 टीपीए सीमन 96000 टीपीए फिसर 100000 तप नया ब्रैकेटिंग प्लांट 670 किलोग्राम घंटा और एक निर्माण इकाई 60000 इनके दिन में 127 000 के प्रतिदिन निर्माण के लिए जनसुनवाई होगी।
जनचेतना के राजेश त्रिपाठी ने बताया कि उक्त उद्योग की ईआईए रिपोर्ट में गम्भीर त्रुटियां है जिसे लेकर कई सवाल खड़े होते हैं ।उंन्होने कहा कि जनसुनवाई के दौरान उद्योग को पर्यावरणीय स्वीकृति दिए जाने का उनकी संस्था द्वारा भरपूर विरोध किया जाएगा।