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*छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर से होगा रायगढ़ का इकबाल बुलन्द*

रायगढ़ 16 दिसम्बर ।छत्तीसगढ़ में भाजपा के पिछले 15 साल के शासनकाल में किसी को भी कैबिनेट मंत्री नहीं बनाकर रायगढ़ जिले की उपेक्षा की गई थी। उम्मीद है कि 2023 में वो इस गलती को नहीं दोहराएगी।
छत्तीसगढ़ में 2023 फिर से एक बार छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनी है और जिले की चार विधानसभा सीट पर कांग्रेस को तीन और भाजपा को सिर्फ रायगढ़ विधानसभा सीट से ही चुनाव जीतने में सफलता हासिल हुई है लेकिन यहाँ से उसके उम्मीदवार रहे ओपी चौधरी को 64 हजार से अधिक वोटों से ऐतिहासिक विजय मिली है ।
ओपी चौधरी का भाजपा के अंदर जिस प्रकार का एक बड़ा राजनैतिक कद है और चुनाव के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें बड़ा आदमी बनाने की बात कही थी उससे यह माना जा सकता है कि पहली बार विधायक चुने जाने जाने के बावजूद ओपी चौधरी को निश्चित तौर पर छत्तीसगढ़ मन्त्रिमण्डल में कैबिनेट मंत्री के रूप मैनें शामिल किया जाएगा ।
दूसरी तरफ कांग्रेस की बात करें तो 2023 में वह छत्तीसगढ़ से सत्ता से बाहर हो गई है ।उसके कई प्रमुख नेता जो मंत्री भी थे वे इस चुनाव में खेत रहे हैं परंतु भूपेश बघेल,चरणदास महंत के साथ खरसिया से उमेश पटेल चुनाव जीतने में सफल रहे हैं और उन्हें प्रतिपक्ष का नेता बनाये जाने की चर्चा सामने आ रही है ।उमेश पटेल प्रतिपक्ष के नेता बने या ना बने लेकिन इतना तो तय जरूर है कि उन्हें कांग्रेस के अंदर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी जरूर मिलेगी ।
उपर्युक्त सब कारणों के चलते राजनैतिक पटल पर रायगढ़ जिला एक बार फिर से मजबूत होता दिखाई जान पड़ रहा है छत्तीसगढ़ की राजनीति में रायगढ़ जिले की राजनीति एक बार फिर से वही मुकाम हासिल करने जा रही है जोकि स्व.लखीराम अग्रवाल और स्व नन्दकुमार पटेल के जमाने में था ।
जिससे यहां के लोगों में यह आशा बलवती हो गई है कि इस बार रायगढ़ जिले को मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में स्थान जरूर मिलेगा ।
ज्ञातव्य हो कि सन 2000 में मध्यप्रदेश से पृथक कर जब छत्तीसगढ़ राज्य बनाया गया था तब मंत्रिमंडल में कृष्ण कुमार गुप्ता ,चनेशराम राठिया , नन्दकुमार पटेल,रामपुकार सिंह कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल हुए थे।इसके उपरांत भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले डॉ शक्राजीत नायक को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया था ।
इस तरह अविभाजित रायगढ़ जिले से पाँच -पाँच विधायक छत्तीसगढ़ के अजीत जोगी मंत्री मंडल में कैबिनेट मंत्री थे और सभी के पास महत्त्वपूर्ण विभाग थे जबकि सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण विभाग समझे जाने वाला गृह मंत्रालय नन्दकुमार पटेल के पास था।यह दौर अविभाजित रायगढ़ जिले की राजनीति का स्वर्णिम काल था ।
यह सर्वविदित बात है कि छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री विष्णु साय का अविभाजित रायगढ़ जिले से गहरा नाता है ।विष्णु साय जब पहली बार विधायक और लोकसभा के सदस्य चुने गए थे तो वे अविभाजित रायगढ़ जिले के ही निवासी थे ।
विष्णु साय जब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने हैं तो वे रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीट कुनकुरी से विधायक निर्वाचित हुए हैं ।
रायगढ़ लोकसभा सीट से चार मर्तबा सांसद चुने जाने के कारण मुख्यमंत्री विष्णु साय का गहरा लगाव जहाँ रायगढ़ से है वहीं रायगढ़ शहर में उनके विश्वस्त लोगों की पूरी फ़ौज मौजूद है ।जिसमें सरदार गुरूपाल सिंग भल्ला ,श्री कांत सोमावार ,मुकेश जैन ,आलोक सिंह ,गौतम अग्रवाल ,सुरेश गोयल ,सुभाष पाण्डेय ,विवेक रंजन सिन्हा ,आशीष ताम्रकार आदि का नाम शामिल है ।

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