रायगढ़

वायु प्रदूषण करने वाले सात उद्योगों पर दो लाख की पर्यावरण क्षति अधिरोपित,बीते एक वर्ष में उद्योगों पर लगाया गया 2 करोड़ का जुर्माना,अवैध फ्लाई ऐश परिवहन और डंपिंग पर 1 करोड़ 70 लाख का जुर्माना, बिना तारपोलिन ढकें परिवहन पर 18 लाख रुपए और उत्सर्जन मानक निर्धारित सीमा से अधिक होने पर 8.70 लाख का लगाया गया अर्थ दण्ड

रायगढ़, 26 नवम्बर 2024/-रायगढ़ जिले में संचालित वृहद-मध्यम श्रेणी के उद्योगों-मेसर्स जिंदल स्टील एण्ड पॉवर लिमिटेड, मेसर्स सुनील इस्पात एण्ड पॉवर लिमिटेड, मेसर्स सन स्टील एण्ड पावर प्रा.लिमिटेड, मेसर्स श्री श्याम इस्पात (इण्डिया) प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स एन.आर.व्ही.एस.स्टील्स लिमिटेड, मेसर्स सिंघल इनर्जी लिमिटेड, मेसर्स स्केनिया स्टील एण्ड पॉवर्स लिमिटेड में निरीक्षण के दौरान वायु प्रदूषण पाये जाने पर माह नवम्बर में कुल 2 लाख रूपये पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति अधिरोपित की गई है।

क्षेत्रीय कार्यालय रायगढ़ द्वारा इस शीत ऋतु में वायु प्रदूषण के प्रभावी नियंत्रण हेतु अभियान चलाकर उद्योगों की आकस्मिक जांच में तेजी लाते हुये जल एवं वायु अधिनियमों के तहत् तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। इस संबंध में जानकारी देते हुए क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी श्री अंकुर साहू ने बताया कि कार्यालय द्वारा माह नवम्बर 2024 में जिला-रायगढ़ में संचालित वृहद-मध्यम श्रेणी के उद्योगों-मेसर्स जिंदल स्टील एण्ड पॉवर लिमिटेड, मेसर्स सुनील इस्पात एण्ड पॉवर लिमिटेड, मेसर्स सन स्टील एण्ड पावर प्रा.लिमिटेड, मेसर्स श्री श्याम इस्पात (इण्डिया) प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स एन.आर.व्ही.एस.स्टील्स लिमिटेड, मेसर्स सिंघल इनर्जी लिमिटेड, मेसर्स स्केनिया स्टील एण्ड पॉवर्स लिमिटेड में निरीक्षण के दौरान वायु प्रदूषण पाये जाने पर कुल 2 लाख रूपये पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति अधिरोपित की गई है। यह भी उल्लेखनीय है कि कार्यालय द्वारा फ्लाई ऐश के अवैध परिवहन तथा डम्पिंग की कड़ी निगरानी की जा रही है एवं उल्लंघनकारियों के विरूद्ध सतत् कार्यवाही की जा रही है। विगत 01 वर्ष की अवधि में उक्त के उल्लंघन के संबंध में कार्यालय द्वारा कुल 1 करोड़ 70 लाख 820 रूपये पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति अधिरोपित की गई है। साथ ही उक्त अवधि में ही उत्सर्जन मानक निर्धारित सीमा से अधिक होने पर कुल 11 उद्योगों के विरूद्ध 8 लाख 70 हजार रूपये तथा बिना तारपोलिन ढके सामग्रियों का परिवहन करने पर 08 उद्योगों के विरूद्ध 18 लाख 62 हजार 415 रूपये पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति राशि अधिरोपित करने की कार्यवाही की गई है। ये कार्यवाहियां सतत रूप से जारी है।
शीत ऋतु में वायुमण्डल में कोहरे तथा थर्मल इन्वर्शन (ताप व्युत्क्रमण) की घटनाएँ सामान्यत: घटित होती है, जिसके फलस्वरूप वातावरण में धूल कण एवं अन्य प्रदूषकों के निलबिंत होने से परिवेशीय वायु की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पडऩे एवं वायु प्रदूषण के सघन होने की संभावना अधिक होती हैं। इसको लेकर संयुक्त विभागीय टीम बनाकर लगातार जांच और कार्यवाही की जा रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button